Betiya special quotes

1. पहले जो ऊँगुली पे गरम लगने से घर
को सर पे उठाया करती थी|
आज हाथ जल जाने पर भी
खाना बनाया करती है|
2. नेकियो का सजर (पेङ) लगाती है बेटियाँ
और स्नेह का दरिया बहाती है बेटियाँ
और जील्लत ऐ-लाख सहकर भी घर को घर बनाती है बेटियाँ
3. जरुरी नहीं रौशनी चिरागों से ही हो,
बेटियाँ भी घर में उजाला करती है,
4. एक मिठी सी मुस्कान है बेटी,
यह सच है कि मेहमान है बेटी,
उस घर की पहचान बनने चली,
जिस घर से अनजान है बेटी,
5. माँ बाप की दुलारी-बेटियाँ...
ओस की बुंद - बेटियाँ ...

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